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बैंकिंग में 8 सबसे सफल भारतीय महिलाएं : सभी के लिए प्रेरणा का एक स्त्रोत

एक पुरूष प्रधान समाज में एक महिला के रूप में प्रगति चुनौतियों के समूह के साथ होती है। और इसलिए, अनुकरणीय व्यक्ति और भी महत्वूर्ण हो जाते हैं। इस आलेख में, हम आपके समक्ष भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सबसे प्रेरणादायक महिलाओं को लेकर आए हैं।

उनके कार्य के प्रति जुनून, उनकी कार्य में उत्कृष्टता और उनके पथप्रदर्शक व्यवहार ने उन्हें सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाएं बनाया है।

अरूंधति भट्टाचार्यः अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
Arundhati Bhattacharya

वह भारत की फाॅर्चयून 500 कंपनी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला ही नहीं , बल्कि फोर्बस द्वारा दुनिया में 25वीं सबसे शक्तिशाली महिला में भी उनका नाम दिया गया है।

उन्होंने कलकत्ता के लेडी ब्रेब्रोर्न महाविद्यालय में और फिर जादवपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी साहित्य का अध्ययन किया। वह 22 वर्ष की उम्र में 1977 में SBI में परिवीक्षाधीन अधिकारी (PO) के रूप में शामिल हुईं। इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए कार्य आसान बनाने के लिए उन्होंने कुछ बड़ी पहल की है। उन्होंने महिला कर्मचारियों के लिए बच्चों या वृद्ध की देखभाल के लिए दो वर्ष के विश्राम की नीति प्रस्तुत की। महिला दिवस पर, उन्होंने अपनी सभी महिला कर्मचारियों को ग्रीवा कैंसर के विरूद्ध मुफ्त टीकाकरण शुरू करने का फैसला किया।

वह निश्चित रूप से अनेक महिलाओं के लिए प्रेरणा का एक स्त्रोत हैं।

चंदा कोचरः CEO और MD, ICICI बैंक
Chanda Kochhar

वह वर्तमान में भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक की प्रमुख हैं और देश में खुदरा बैंकिंग उद्योग को आकार देने के लिए जानी जाती हैं।

कोचर ने जय हिंद महाविद्यालय, मुंबई से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1982 में स्नातक होने के बाद, उन्होंने लागत लेखाविधि (काॅस्ट एकाउण्टेसी) का अध्ययन किया और बाद में जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट स्टडीज़, मुंबई से प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की।

वह कहती हैं कि सत्यनिष्ठता और परिपूर्णता, दो गुण हैं जिसने उन्हें आज यहाँ तक पहुँचाया है। वह पूरी तरह से एक चुनौती को पहचाने और उसका सामना करने में विश्वास करती हैं। उन्होंने फोबर्स की ‘विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं’ की सूची में लगातार स्थान प्राप्त किया है।

कल्पना मोरपारियाः CEO, जेपी माॅर्गन (भारत)
Kalpana Morparia

फाॅर्चयून पत्रिका द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 50 सबसे शक्तिशाली महिलाओं’ में से एक के रूप में वरीयता प्राप्त, कल्पना की शीर्ष पर बढ़ने की कहानी वास्तव में एक प्रेरणा है। उन्होंने शिक्षण के साथ अपना कैरियर शुरू किया, कानून का अध्ययन किया और अगले 30 वर्षों के लिए ICICI बैंक के साथ कार्य करने के लिए चली गईं। आज वह जे पी मोर्गन की CEO हैं, वह डाॅ रेड्डी लैब, बेनेट एंड काॅलमैन, टाटा कंसल्टेंसी की CMC लिमिटेड की भी स्वतंत्र निदेशक हैं। वह एयरटेल के सुनील मित्तल द्वारा संचालित भारती फाउंडेशन के परोपकारी कार्य को देखती हैं।

नैना लाल किदवाई, सीईओ और देश प्रमुख (भारत), एचएसबीसी
Naina Lal Kidwai

एचएसबीसी भारत की अध्यक्ष, वह फेडरेशन आॅफ इंडियन चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की पहली महिला अध्यक्ष भी थीं। किदवई ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक उपाधि प्राप्त की और 1982 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से MBA की उपाधि हासिल की। वह हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से स्नातक होने वाली प्रथम भारतीय महिला थीं और भारत में विदेशी बैंक की कार्य पद्धति के दिशानिर्देश देने वाली प्रथम महिला थीं। नैना लाल ने व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त किया है।

रंजना कुमारः अध्यक्ष (सेवानिवृत), NABARD
Ranjana Kumar

रंजना कुमार ने 1966 में परिवीक्षाधीन अधिकारी (PO) के रूप में बैंक आॅफ इंडिया लिमिटेड के साथ अपना कैरिया शुरू किया। उन्होंने इंडियन बैंक की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और केनरा बैंक की कार्यकारी निदेशक के रूप में सेवा की है। जब भारत सरकार ने उन्हें भारतीय बैंक की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया, तब वह भारत में एक सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक प्रमुख बनने वाली पहली महिला बनीं। उनकी नियुक्ति के समय, इंडियन बैंक को बहुत नुकसान हुआ था, और उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने इंडियन बैंक के बदलाव को सुनिश्चित किया।

शांति इकंबरमः अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग), कोटक महिंद्रा बैंक
Shanti Ekambaram

शांति इकंबरम भारत की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक हैं। वह कोटक बैंक की काॅर्पोरेट और निवेश बैंकिंग इकाई की अध्यक्षता करती हैं, जो फर्म का सबसे बड़ा लाभ अंशदाता है। उन्होंने बैंक में प्रमुख भूमिकाओं के लिए महिलाओं को सलाह और प्रशिक्षण भी दिया है।

शिक्षा शर्माः CEO और प्रबंध निदेशक, एक्सिस बैंक
Shikha Sharma

वह शुरू से ही एक ऊँची उड़ान हासिल करने वाली रही हैं। उन्होंने दिल्ली में लेडी श्री राम काॅलेज फाॅर वुमन (LSR) से अर्थशास्त्र में बीए (आॅनर्स) किया और IIM अहमदाबाद से एमबीए किया। उन्होंने ICICI बैंक के साथ अपना कैरियर शुरू किया और MD पद के लिए चंदा कोचर के समान रूप में ही प्रशंसनीय दावा किया। 2009 से शर्मा की नियुक्ति एक्सिस बैंक के MD और CEO के रूप में हुई है, तब से बैंक के शेयर में 90 प्रतिशत से अधिक का उछाल आया है। वह अपने कार्य और निजी जीवन को बहुत कुशलतापूर्वक प्रबंधित करती हैं।

ऊषा अनंथसुब्रमण्यन : CMD, भारतीय महिला बैंक
Usha Ananthasubramanian

भारतीय महिला बैंक में शामिल होने से पहले, ऊषा पंजाब नेशनल बैंक की CEO और प्रबंध निदेशक थीं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से सांख्यिकी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की और मुंबई विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय संस्कृति में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। 31 वर्षों के विस्तारित कैरियर के साथ, अनंथसुब्रमण्यन को महिलाओं की बैंक की स्थापना प्रक्रिया के समन्वय के लिए वित्त मंत्रालय (भारत) द्वारा गठित प्रबंधन दल की अग्रणी के रूप में नामित किया गया था और इस तरह वह देश में पहली महिला बैंक का नेतृत्व करने के लिए आईं।

 

हमें उम्मीद हैं कि यह आलेख आपको जीवन में अन्य चीज़ों से दबाए बिना अपने कैरियर में ऊँचाईयों तक पहुँचने के लिए प्रेरित करेगा। अगर वे ऐसा कर सकती हैं, तो आप क्यों नहीं कर सकते?

शुभकामनाएं!!!