भारत की सबसे ऊंची चोटी
भारत में कई ऊँची चोटियाँ स्थित हैं जो पर्वतारोहण प्रेमियों को आकर्षित करती हैं। ये चोटियाँ बेहद प्राकृतिक सौंदर्य से भरी हुई हैं और पर्यटकों को विश्वासघात कर देती हैं।
भारत की सबसे ऊँची चोटी हैं कांगचेंजुंगा (गोडविन ऑस्टिन) जो 8,586 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसके बाद आता है नंदा देवी चोटी जो 7,816 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। उसके बाद कामेट चोटी (7,756 मीटर) और सासेर कांगड़ी चोटी (7,672 मीटर) आती हैं। साथ ही हरदौल चोटी (7,151 मीटर), साल्टोरो कांगड़ी चोटी (7,134 मीटर), मामोस्तोंग कांगड़ी चोटी (7,102 मीटर), रीमो चोटी (7,100 मीटर) और हरदौल चोटी (7,000 मीटर) भी यहाँ स्थित हैं।
ये ऊँची चोटियाँ पर्यटन क्षेत्र के रूप में लोकप्रिय हैं और पर्वतारोहियों के बीच बहुत पसंदीदा हैं। चोटी पर पहुँचने के लिए सख्त प्रशिक्षण, अनुभव और फिटनेस की आवश्यकता होती है।
Bharat Ki Sabse Unchi Choti List
पर्वत चोटी | ऊंचाई (मीटर में) | मुख्य बिंदु |
कंचनजंगा चोटी | 8586 | यह भारत की सबसे ऊंची चोटी हैयह विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है।यह सिक्किम राज्य में स्थित है। |
नंदा देवी चोटी | 7816 | यह भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है।इसमें सबसे अधिक ऊंचाई वाली वनस्पतियां और जीव जंतु पाए जाते हैं।यह पूरी चोटी भारत में स्थित है। |
कामेट चोटी | 7756 | यह भारत की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है।यह तिब्बत के पठार के पास स्थित है। |
साल्टोरो कांगड़ी चोटी | 7742 | यह चोटी सियाचिन ग्लेशियर के पास स्थित है। यह 31 वीं सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। |
सासेर कांगड़ी चोटी | 7672 | यह जम्मू और कश्मीर में स्थित है।यह चोटियां 5 राजसी पर्वत चोटियों का एक समूह है। |
मामोस्तोंग कांगड़ी चोटी | 7516 | यह भारत की 48 वीं सबसे ऊंची चोटी है।यह सियाचिन ग्लेशियर के निकट क्षेत्र में स्थित है। |
रीमो चोटी | 7385 | यह विश्व की 71 वीं सबसे ऊंची चोटी है।यह छोटी काराकोरम पर्वतमाला में स्थित है। |
हरदौल चोटी | 7151 | इस चोटी को भगवान के मंदिर के रूप में जाना जाता है।यह छोटी पिथौरागढ़ जिले की मिलम घाटी में स्थित है। |
चौखंबा चोटी | 7138 | यह चार चोटियों का एक समूह है इसलिए इसे चौखंबा चोटी कहते हैं।चारों चोटियों में से चौखंबा चोटी सबसे ऊंची चोटी है। |
त्रिशूल चोटी | 7120 | इस चोटी का नाम भगवान शिव के अस्त्र त्रिशूल के नाम पर रखा गया है।यह उत्तराखंड के कुमाऊं हिमालय में स्थित है।इसमें तीन पर्वत चोटियाँ स्थित है। |
Bharat Ki Sabse Unchi Choti
कंचनजंगा चोटी
कंचनजंघा चोटी भारत की सबसे ऊची चोटी है। इसकी ऊचाई 8,586 मीटर (28,169 फीट) है। यह विश्व की तीसरी सबसे ऊची चोटी भी है। कंचनजंघा चोटी सिक्किम राज्य में स्थित है और यह नेपाल की सीमा पर स्थित है। इसे “फाइव जिंग्स” भी कहा जाता है क्योंकि इसमें पांच प्रमुख शिखर होते हैं, जिनमें से एक ब्रह्मा, विष्णु, महेश, इंद्र और चतुर्मुखी हैं। कंचनजंघा चोटी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और पर्यटकों के बीच खूब पसंद की जाती है। यहां पर्यटक ट्रेकिंग, पर्वतारोहण और अन्य पर्यटन गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
नंदा देवी चोटी
नंदा देवी चोटी भारत की दूसरी सबसे ऊची चोटी है। इसकी ऊचाई 7,816 मीटर (25,643 फीट) है। यह चोटी हिमालय पर्वतमाला में स्थित है और उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में पायी जाती है। नंदा देवी चोटी एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और यह हिन्दू धर्म के देवी नंदा को समर्पित है। इसे नंददेवी या नंदादेवी भी कहा जाता है।
नंदा देवी चोटी अपर्वतीय पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर्यटक ट्रेकिंग, पर्वतारोहण, और जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं। चोटी के चारों ओर वनस्पति और जीव-जंतुओं का विविधतापूर्ण आवास है। यहां आप गहरे घास के मैदान, छोटे-छोटे झरने, और आकर्षक झीलों का आनंद ले सकते हैं। नंदा देवी चोटी पर्यटन प्रेमियों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है।
कामेट चोटी
कामेट चोटी भारत की तीसरी सबसे ऊची चोटी है। इसकी ऊचाई 7,756 मीटर (25,446 फीट) है। यह चोटी हिमालय पर्वतमाला में स्थित है और तिब्बत के पठार के पास पायी जाती है। कामेट चोटी अत्यंत कठिन और चुनौतीपूर्ण एक्सपेडीशन के लिए जानी जाती है।
कामेट चोटी अपर्वतीय पर्यटन के लिए मशहूर है। यहां पर्यटकों को एक अद्वितीय पर्वतारोहण अनुभव मिलता है। यहां ट्रेकिंग के दौरान पर्यटकों को सुंदर वनस्पति, हिमालयी बार्फीले मैदान, गहरे घाटियों, झीलों और धाराओं का दृश्य मिलता है। कामेट चोटी पर्यटन के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थान है, लेकिन इसके रौंदींग और खूबसूरत मनमोहक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटक यहां उन्नत स्तर के पर्यटन सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं और इस शानदार चोटी का दर्शन करके अपार प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकते हैं।
साल्टोरो कांगड़ी चोटी
साल्टोरो कांगड़ी चोटी भारत की चोथी सबसे ऊची चोटी है। इसकी ऊचाई 7,742 मीटर (25,400 फीट) है। यह चोटी सियाचिन ग्लेशियर के पास स्थित है और लद्दाख़ में पायी जाती है। साल्टोरो कांगड़ी चोटी चढ़ाई के लिए उन्नत और अनुभवी पर्वतारोहियों के बीच प्रसिद्ध है।
यह चोटी एक अत्यधिक कठिन, संघर्षशील और मार्ग बदलने वाली चढ़ाई का माध्यम देती है। इसका धड़ल्ला जटिल होता है और चोटी के निकट तेज हवाओं और बर्फ की गिरावटों से प्रभावित होता है। इसके बावजूद, साल्टोरो कांगड़ी चोटी पर्यटन के शौकीनों के बीच लोकप्रिय है, जहां पर्यटकों को अद्वितीय पर्वतारोहण अनुभव मिलता है।
चोटी के पास जाने के दौरान, पर्यटकों को आकर्षक शैलियों, बर्फीले मैदानों, चूल्हों और धाराओं का दृश्य प्राप्त होता है।
सासेर कांगड़ी चोटी
सासेर कांगड़ी चोटी भारत की पांचवी सबसे ऊची चोटी है। इसकी ऊचाई 7,672 मीटर (25,171 फीट) है। यह चोटी जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है। सासेर कांगड़ी चोटी एक पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर है और पर्यटकों को अपनी प्राकृतिक सुंदरता और चुनौतीपूर्ण चढ़ाई के लिए आकर्षित करती है।
इस चोटी को “सियाचिन ग्लेशियर मार्ग” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह सियाचिन ग्लेशियर के पास स्थित है। यह चोटी जम्मू और कश्मीर के सुरम्य हिमालयी पर्वतमाला में स्थित है और पर्यटकों को अपनी वनस्पतियों, जीव-जंतुओं और प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसन्न करती है।
सासेर कांगड़ी चोटी की चढ़ाई अत्यधिक कठिन है और अनुभवी पर्वतारोहियों को आकर्षित करती है। चोटी की चढ़ाई के दौरान, पर्यटकों को ट्रेकिंग, आरोहण, रॉक क्लाइम्बिंग, और बर्फ के साथ अद्वितीय अनुभव मिलता है।
मामोस्तोंग कांगड़ी चोटी
मामोस्तोंग कांगड़ी चोटी भारत की 48वीं सबसे ऊची चोटी है। इसकी ऊचाई 7,516 मीटर (24,659 फीट) है। यह चोटी सियाचिन ग्लेशियर के निकट क्षेत्र में स्थित है। मामोस्तोंग कांगड़ी चोटी भारत के पश्चिमी हिमालय में स्थित है और पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
चोटी की चढ़ाई व चढ़ाई करना कठिन होता है और इसके लिए विशेष शौकीनता और अनुभव की जरूरत होती है। इसका प्रमुख मार्ग चढ़ाई के दौरान स्नो ब्रिज सहित बहुतायती बर्फ, ग्लेशियर रेखाएं, और खड़ग्रास पर्वतों का सामरिक दृश्य प्रदान करता है।
पर्यटन के अलावा, मामोस्तोंग कांगड़ी चोटी जीव-जंतुओं, प्राकृतिक वातावरण और पहाड़ी संस्कृति के प्रेमी पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है। इसके आसपास कई आदिवासी गांव और पहाड़ी धाराएं स्थित हैं जहां पर्यटक लोकल कला, संगीत, और जीवनशैली का अनुभव कर सकते हैं।
रीमो चोटी
रीमो चोटी विश्व की 71वीं सबसे ऊची चोटी है। इसकी ऊचाई 7,385 मीटर (24,229 फीट) है। यह छोटी काराकोरम पर्वतमाला में स्थित है और जम्मू और कश्मीर राज्य के पश्चिमी हिस्से में पायी जाती है।
रीमो चोटी पर्वतारोहण के लिए विशेष रुचि रखने वाले पर्वतारोही और पर्यटकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थल है। इसकी चढ़ाई अत्यधिक तथा कठिन होती है और इसे प्रमुख एवलैंच जोन और अवस्थितियों के बीच पार करना पड़ता है।
रीमो चोटी के निकट स्थित पहाड़ी भूमि, सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य से भरी हुई है। यहां पर्यटक पहाड़ी वन, गहरे घाटियों, जलप्रपात, झीलें और आदिवासी समुदायों के गांवों का आनंद ले सकते हैं। इसके आसपास फूलों और जानवरों की बहुतायती जीवजंतु जगत है जो पर्यटकों को अपनी प्राकृतिक संरचना और जीवनशैली के अद्भुत दृश्यों का आनंद देते हैं।
हरदौल चोटी
हरदौल चोटी एक प्रमुख पर्वत चोटी है जो उत्तराखंड, भारत में स्थित है। इसकी ऊचाई 7,151 मीटर (23,461 फीट) है। हरदौल चोटी को भगवान के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।
यह छोटी पिथौरागढ़ जिले की मिलम घाटी में स्थित है और कुमाऊं हिमालय के हिस्से में पायी जाती है। हरदौल चोटी अपार प्राकृतिक सौंदर्य से भरी हुई है और पर्वतारोहियों और पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थान है।
इस चोटी पर्वतारोहण का अनुभव अत्यधिक और चुनौतीपूर्ण होता है। इसे सफलतापूर्वक चढ़ाई करने के लिए उच्च शारीरिक और मानसिक स्थायित्व की आवश्यकता होती है। चोटी पर पहुंचने के बाद, यात्रियों को प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने का मौका मिलता है, जहां उन्हें पहाड़ी वन, बर्फीले मैदान, झीलें और नदियों की सुंदरता का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
चौखंबा चोटी
चौखंबा चोटी चार पर्वत चोटियों का एक समूह है और यह उत्तराखंड, भारत में स्थित है। चौखंबा चोटी समूह में से चौथी चोटी है और इसे चौखंबा चोटी कहा जाता है। इसकी ऊचाई 7,138 मीटर (23,419 फीट) है।
चौखंबा चोटी भारत की सबसे ऊंची चोटी है जो चौखंबा घाटी के उत्तरी हिमालय में स्थित है। इस चोटी समूह में अन्य तीन चोटियाँ हैं जिनके नाम हैं नंदा घुंती (6,706 मीटर), तृषूल (7,120 मीटर) और धौलीगिरी (7,067 मीटर)। चौखंबा चोटी की प्राकृतिक सुंदरता और मनोहारी पर्यावरण इसे पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय बनाते हैं।
चौखंबा चोटी पर्वतारोहण के लिए उच्च स्थायित्व और अनुभव की आवश्यकता होती है। इसमें चुनौतीपूर्ण मार्ग, सख्त मौसम और बाढ़ के खतरे शामिल हो सकते हैं।
त्रिशूल चोटी
त्रिशूल चोटी उत्तराखंड, भारत में स्थित एक पर्वत चोटी है। इसकी ऊचाई 7,120 मीटर (23,359 फीट) है। त्रिशूल चोटी का नाम भगवान शिव के त्रिशूल (ट्रिशूल) के नाम पर रखा गया है।
यह पर्वत चोटी उत्तराखंड के कुमाऊं हिमालय क्षेत्र में स्थित है। त्रिशूल चोटी पर तीन पर्वत चोटियाँ स्थित हैं, जिनमें से सबसे बड़ी चोटी का नाम त्रिशूल है। इसके साथ ही दूसरी चोटी का नाम नंदा घुंटी (Nanda Ghunti) है और तीसरी चोटी का नाम कलंक (Kalanka) है।
त्रिशूल चोटी पर्वतारोहण के लिए उच्च शारीरिक तथा मानसिक स्थायित्व की आवश्यकता होती है। इसमें चढ़ाई के दौरान कठिनाईयाँ और चुनौतियाँ हो सकती हैं। पर्वतारोहियों को चोटी पर पहुंचने के बाद, उन्हें प्राकृतिक दृश्य, बर्फीले मैदान, हिमनदों, झीलों, गहरी खाईयों और पर्वतीय वनों का आनंद लेने का मौका मिलता है।
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