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कौआ का पर्यायवाची शब्द | Kauwa Ka Paryayvachi Shabd

“कौआ” हमारे आस-पास पाए जाने वाले बुद्धिमान और चालाक पक्षियों में से एक है। यह केवल एक पक्षी नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, लोककथाओं और साहित्य में विद्या, चतुराई और रहस्य का प्रतीक भी माना जाता है। हिंदी साहित्य, लोककथाएँ और बोलचाल की भाषा में “कौआ” के कई पर्यायवाची शब्द पाए जाते हैं, जो उनके स्वर, आकार, और व्यवहार के अनुसार भिन्न होते हैं। इस ब्लॉग में हम कौआ के प्रमुख पर्यायवाची शब्द, उनके अर्थ, समूह और उपयोग को विस्तार से जानेंगे।

कौआ का अर्थ (Meaning of Kauwa)

कौआ एक ऐसा पक्षी है जो आमतौर पर काले रंग का होता है और बहुत बुद्धिमान तथा सामाजिक व्यवहार वाला माना जाता है। यह आमतौर पर जंगल, गाँव, और शहरों में देखा जाता है।

साहित्य और लोककथाओं में कौआ विद्या, चतुराई और बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है। हिंदी में इसके कई नाम हैं जो विभिन्न संदर्भों में प्रयुक्त होते हैं। शास्त्रीय और प्राचीन ग्रंथों में इसे काक कहा जाता है, जबकि बोलचाल में कौआ या कौवा अधिक प्रचलित हैं।


कौआ के पर्यायवाची शब्द

नीचे कौआ के प्रमुख पर्यायवाची शब्दों की सूची दी गई है। इसमें शास्त्रीय, बोलचाल और लोकसाहित्य में प्रयुक्त शब्द शामिल हैं।

पर्यायवाची शब्दEnglish Transliterationअर्थ / व्याख्या
कौवाKauwaआम बोलचाल में प्रयुक्त नाम
काकKaakशास्त्रीय और संस्कृत में कौआ के लिए
कागKaagहिन्दी और प्राचीन ग्रंथों में प्रयुक्त
करठKarathग्रामीण और लोककथाओं में प्रयुक्त
काणKaanविशेष संदर्भों में कौआ के लिए
क्रोKroअंग्रेज़ी प्रभाव में प्रयोग होने वाला शब्द
पिशुनPishunचतुर और चालाक कौआ के लिए
वायसVaayasशास्त्रीय संदर्भ में उपयोगी नाम
चतुरकChaturakचालाक और समझदार कौआ के लिए
काकपक्षीKaakpakshiशास्त्रीय और साहित्यिक संदर्भ में
कृष्णपक्षीKrishnapakshiकाले रंग वाले कौए के लिए विशेष नाम
शुकShukप्राचीन ग्रंथों में प्रयुक्त शब्द
वारकVaarakपक्षियों में कौए के समूह को दर्शाने वाला शब्द

कौआ के पर्यायवाची शब्दों का समूह और अर्थ

कौआ के पर्यायवाची शब्द केवल शब्दकोश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये साहित्य, लोककथाएँ और दैनिक जीवन में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। विभिन्न संदर्भों और गुणों के अनुसार कौए के लिए अलग-अलग शब्द प्रचलित हैं।

1. शास्त्रीय और प्राचीन समूह

काक, काग, वायस, शुक
ये शब्द मुख्यतः शास्त्रीय और संस्कृत ग्रंथों में पाए जाते हैं।
उदाहरण:
“काक जंगल में अपनी चतुराई दिखाता है।”
“वायस की आवाज़ दूर तक सुनाई देती है।”

2. बोलचाल और लोकसाहित्य समूह

कौवा, करठ, काण
ये शब्द आम बोलचाल, ग्रामीण परिवेश और लोककथाओं में प्रयुक्त होते हैं।
उदाहरण:
“गाँव में कौवा खेतों में उड़ रहा था।”
“करठ अपने पंख फैलाकर आसमान में उड़ गया।”

3. विशेष और आधुनिक समूह

क्रो, पिशुन, चतुरक, कृष्णपक्षी
ये शब्द कौए की विशेषता, बुद्धिमत्ता या रंग के अनुसार प्रयोग होते हैं।
उदाहरण:
“पिशुन कौआ खाने की वस्तुएँ आसानी से ढूँढ लेता है।”
“कृष्णपक्षी अपने काले पंखों के लिए जाना जाता है।”

कौआ के पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग

कौआ के पर्यायवाची शब्द केवल शब्दकोश में सीमित नहीं हैं। साहित्य, कविता, लोककथाएँ और दैनिक जीवन में इनका प्रयोग व्यापक है।

साहित्य और कविता में:
“काक की चतुराई ने जंगल के अन्य पक्षियों को आश्चर्यचकित कर दिया।”
“काग ने अपनी आवाज़ से सभी को जाग्रत किया।”

दैनिक जीवन में:
“गाँव में कौवा सब्ज़ियों पर बैठकर शोर मचा रहा था।”
“पिशुन कौआ ने अनाज चुरा लिया।”

लोककथाओं और寓क कथाओं में:
“चतुरक कौए ने अपनी बुद्धि से समस्या का समाधान निकाला।”


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: “कौआ” का सामान्य अर्थ क्या है?

उत्तर: एक बुद्धिमान और चालाक पक्षी।

प्रश्न 2: कौआ के प्रमुख पर्यायवाची शब्द कौन से हैं?

उत्तर: कौवा, काक, काग, करठ, काण, क्रो, पिशुन, वायस, चतुरक, कृष्णपक्षी आदि।

प्रश्न 3: “काक” और “कौवा” में अंतर क्या है?

उत्तर: काक शास्त्रीय और संस्कृत संदर्भ में प्रयुक्त होता है, जबकि कौवा आम बोलचाल और ग्रामीण परिवेश में अधिक प्रयोग होता है।

प्रश्न 4: कौआ के पर्यायवाची शब्द साहित्य में कैसे प्रयुक्त होते हैं?

उत्तर: चतुराई, बुद्धिमत्ता, काले रंग और पक्षी के व्यवहार का प्रतीक बताने के लिए।

प्रश्न 5: “पिशुन” और “कृष्णपक्षी” में क्या अंतर है?

उत्तर: पिशुन चालाक कौआ के लिए प्रयोग होता है, जबकि कृष्णपक्षी काले रंग वाले कौए के लिए विशेष रूप से प्रयुक्त शब्द है।


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