नाबार्ड का मालिक कौन है, नाबार्ड का मुख्यालय कहाँ है, भारत में नाबार्ड की कितनी शाखाएं हैं, संपूर्ण जानकारी
नाबार्ड (NABARD – National Bank for Agriculture and Rural Development) भारत का एक प्रमुख विकास बैंक है, जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि के विकास पर केंद्रित है। इसे 1982 में संसद के अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना, छोटे उद्योगों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना, और ग्रामीण ऋण संस्थानों का समन्वय करना है।
- स्थापना: 12 जुलाई 1982
- प्रारंभिक पूंजी: ₹100 करोड़
- पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में
नाबार्ड का मालिक कौन है?
नाबार्ड एक सरकारी स्वामित्व वाला संस्थान है। शुरुआत में इसकी पूंजी भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा 50:50 के अनुपात में योगदान दी गई थी। 2018 में हुए संशोधन (NABARD Act 2017) के बाद, RBI की हिस्सेदारी भारत सरकार को हस्तांतरित कर दी गई।
- वर्तमान में नाबार्ड का पूर्ण स्वामित्व भारत सरकार के पास है
- यह ग्रामीण और कृषि विकास के लिए वित्तीय नीतियों और योजनाओं को लागू करने में सक्रिय है
नाबार्ड का प्रमुख (Head of NABARD)
नाबार्ड का संचालन और रणनीति निर्धारण मुख्य रूप से इसके प्रमुख या Chairperson के नेतृत्व में होता है। यह पद नाबार्ड की सभी गतिविधियों और नीतियों के लिए उत्तरदायी होता है और ग्रामीण विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाता है।
- पद का नाम: Chairperson (अध्यक्ष)
- वर्तमान अध्यक्ष:शाजी के. वी. (Shaji K. V.)
- नियुक्ति तिथि: 7 दिसंबर 2022
- नियुक्ति: केंद्रीय सरकार द्वारा RBI की सलाह और सहमति से की जाती है
- कार्य और जिम्मेदारियां:
- नाबार्ड की नीति और रणनीति तय करना
- बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और कार्यकारी समिति के कामकाज का निरीक्षण
- वित्तीय, विकासात्मक और पर्यवेक्षण कार्यों का समन्वय
- ग्रामीण और कृषि विकास योजनाओं को लागू करना
- नाबार्ड के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय साझेदारों के साथ सहयोग स्थापित करना
- विशेष भूमिका:
- नाबार्ड की सभी योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रमुख समन्वयक
- देश में ग्रामीण वित्तीय समावेशन और कृषि विकास के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करना
नोट: Chairperson न केवल बैंक के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नाबार्ड की दिशा और प्रभाव के लिए मुख्य मार्गदर्शक भी होते हैं।
नाबार्ड का मुख्यालय कहाँ है?
नाबार्ड का मुख्यालय मुंबई में स्थित है, जो भारत की वित्तीय राजधानी है। यह केंद्र से जुड़े विभिन्न कार्यों का समन्वय करता है और पूरे देश में नाबार्ड की गतिविधियों की निगरानी करता है।
- मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र
- क्षेत्रीय कार्यालय: देश भर में 31 क्षेत्रीय कार्यालय, 18 प्रशिक्षण केंद्र और कई उप-कार्यालय
भारत में नाबार्ड की शाखाएं कितनी हैं?
नाबार्ड का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है ताकि ग्रामीण विकास और कृषि क्रेडिट तक सभी को आसानी से पहुँच मिल सके।
- 31 क्षेत्रीय कार्यालय
- 9 प्रशिक्षण केंद्र
- विभिन्न राज्यों में कई उप-कार्यालय और शाखाएं
- शाखाओं का कार्य ग्रामीण बैंकिंग, वित्तीय योजना, और ग्रामीण क्रेडिट वितरण को सुनिश्चित करना है
नाबार्ड का इतिहास
नाबार्ड की स्थापना से पहले ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऋण सुविधाएं RBI द्वारा संचालित की जाती थीं। ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 1979 में CRAFICARD समिति बनी, जिसने नाबार्ड के निर्माण की सिफारिश की।
- RBI की तीन संस्थाओं (ACD, RPCC, ARDC) के कार्य नाबार्ड को हस्तांतरित किए गए
- 1982 में संसद के अधिनियम के तहत नाबार्ड का गठन
- उद्देश्य: कृषि और ग्रामीण विकास के लिए विशेष ध्यान
नाबार्ड के प्रमुख कार्य
नाबार्ड के कार्य तीन मुख्य श्रेणियों में बांटे जा सकते हैं:
1. वित्तीय कार्य (Financial Functions)
- शॉर्ट टर्म और लांग टर्म रिफाइनेंस सुविधा
- ग्रामीण अवसंरचना के लिए ऋण (RIDF, LTIF, NIDA, WIF)
- कोऑपरेटिव बैंकों और प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटीज (PACS) को सीधे ऋण
2. विकासात्मक कार्य (Developmental Functions)
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और RuPay Kisan Card (RKC)
- जनजातीय विकास और जलवायु-सहिष्णु कृषि
- माइक्रोफाइनेंस: सेल्फ हेल्प ग्रुप बैंक लिंकज प्रोग्राम (SHG-BLP)
- स्किल डेवलपमेंट और ग्रामीण उद्यमिता प्रोत्साहन
- मार्केटिंग सहायता और कृषि नवाचार के लिए इंक्यूबेशन केंद्र
3. निगरानी और पर्यवेक्षण (Supervisory Functions)
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंकों का निरीक्षण
- बैंकिंग सिस्टम को CBS प्लेटफॉर्म से जोड़ना
- वित्तीय संस्थाओं को बेहतर प्रबंधन और निगरानी में मदद
नाबार्ड का संगठन और शासन
नाबार्ड का संचालन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा होता है। बोर्ड में विशेषज्ञ, RBI और सरकार के अधिकारी शामिल होते हैं।
- अध्यक्ष (Chairperson)
- विशेषज्ञ निदेशक (Rural Development, Economics, Small-Scale Industries आदि)
- RBI के निदेशक
- केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारी
- कार्यकारी समिति (Executive Committee) बोर्ड द्वारा गठित की जाती है
नाबार्ड द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान
नाबार्ड ने ग्रामीण भारत के वित्तीय और सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभाई है।
- कृषि ऋण और इन्फ्रास्ट्रक्चर
- कृषि नवाचार और उद्यमिता
- महिला और जनजातीय विकास
- प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट
- मार्केटिंग और व्यापारिक सहायता
नाबार्ड के सामने चुनौतियां
ग्रामीण विकास में नाबार्ड को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- RBI से लिंक की कमी के कारण नीति निर्माण पर प्रभाव
- उत्तर-पूर्वी राज्यों में कम शाखाओं और वित्तीय पहुँच
- बाजार से वित्त पोषण की बढ़ती लागत
- ग्रामीण बैंकिंग और क्रेडिट वितरण में असमानता
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: नाबार्ड का मालिक कौन है?
A1: नाबार्ड का पूर्ण स्वामित्व भारत सरकार के पास है।
Q2: नाबार्ड का मुख्यालय कहाँ है?
A2: मुंबई, महाराष्ट्र में।
Q3: भारत में नाबार्ड की कितनी शाखाएं हैं?
A3: देश भर में 31 क्षेत्रीय कार्यालय, 18 प्रशिक्षण केंद्र और कई उप-कार्यालय।
Q4: नाबार्ड की स्थापना कब हुई थी?
A4: 12 जुलाई 1982।
Q5: नाबार्ड किसके अधिनियम के तहत स्थापित हुआ था?
A5: National Bank for Agriculture and Rural Development Act, 1981।
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