भारत में बैंक मर्जर 2025 | Bank Merger ki Puri List
भारत का बैंकिंग सेक्टर निरंतर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने बैंकिंग व्यवस्था को अधिक मजबूत, पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए कई बैंक मर्जर (Bank Mergers) और पुनर्गठन (Reforms) की पहल की है। इन सुधारों का मुख्य उद्देश्य है — बैंकिंग प्रणाली को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, वित्तीय स्थिरता बढ़ाना, और ग्राहकों को अधिक सुविधाजनक सेवाएँ प्रदान करना।
भारत में बैंक मर्जर का उद्देश्य
भारत में बैंकों के मर्जर का प्रमुख लक्ष्य है छोटे और कमजोर बैंकों को बड़े और सक्षम संस्थानों के साथ जोड़ना, ताकि उनकी पूंजी, संसाधन और तकनीक का बेहतर उपयोग हो सके। इन मर्जर्स के माध्यम से सरकार का इरादा है कि बैंक अधिक मजबूत वित्तीय आधार बनाएं, बेहतर जोखिम प्रबंधन अपनाएं और उद्योग, कृषि व MSME क्षेत्रों को अधिक ऋण उपलब्ध कराएं।
बैंक मर्जर 2025 की प्रमुख विशेषताएँ
वर्ष 2025 में भारत के बैंकिंग सेक्टर में फिर से एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सरकार और नीति आयोग (NITI Aayog) द्वारा तैयार की गई नई योजना के अनुसार, चार प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय बड़े सरकारी बैंकों के साथ किया जा सकता है। इस मर्जर का उद्देश्य है — वित्तीय स्थिरता को सुदृढ़ करना और संचालन की क्षमता को बढ़ाना।
- चार प्रमुख बैंक — इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के विलय का प्रस्ताव।
- मर्जर के बाद बैंक अधिक मजबूत पूंजी और कुशल प्रबंधन के साथ काम कर सकेंगे।
- ग्राहकों की जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित रहेगी, हालांकि उन्हें नए चेकबुक, डेबिट कार्ड और IFSC कोड प्राप्त करने पड़ सकते हैं।
- यह योजना नीति आयोग के सुझावों पर आधारित है और सरकार की स्वीकृति के बाद लागू होगी।
- इस कदम के बाद भारत में सार्वजनिक बैंकों की संख्या और घट सकती है, जिससे निगरानी और प्रबंधन आसान होगा।
मेगा बैंक मर्जर योजना 2025 की प्रमुख बातें
सरकार छोटे और मध्यम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को विलय करके कम लेकिन मजबूत बैंकिंग इकाइयाँ बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह कदम बैंकों की पूंजी स्थिति सुधारने, तकनीकी क्षमता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
- प्रस्तावित बैंकों में IOB, CBI, BOI और BoM को बड़े बैंकों जैसे SBI, PNB और BoB के साथ मिलाने की संभावना।
- उद्देश्य है कि भारत के पास कुछ बड़े और विश्व-स्तरीय सार्वजनिक बैंक हों जो आर्थिक वृद्धि का नेतृत्व कर सकें।
- यह प्रस्ताव कैबिनेट और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में विचाराधीन है और FY27 तक अंतिम स्वीकृति मिल सकती है।
- नीति आयोग का सुझाव है कि भारत में केवल 4-5 प्रमुख सार्वजनिक बैंक हों, जबकि छोटे बैंकों को या तो निजीकरण किया जाए या विलय किया जाए।
- इससे बैंकिंग सेक्टर में वित्तीय अनुशासन, दक्षता और स्थिरता में वृद्धि होगी।
भारत में अब तक के प्रमुख बैंक मर्जर (2000–2023)
भारत में पिछले दो दशकों में कई ऐतिहासिक बैंक मर्जर हुए हैं, जिनका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाना और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप तैयार करना था। इन मर्जर्स के बाद, भारत में सार्वजनिक बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई, जिससे संचालन अधिक केंद्रीकृत और कुशल हुआ।
- 2023: HDFC Ltd. का HDFC Bank के साथ $40 बिलियन का विलय।
- 2020: PNB में Oriental Bank of Commerce और United Bank of India का मर्जर; Canara Bank और Syndicate Bank का एकीकरण।
- 2019: Dena Bank और Vijaya Bank का Bank of Baroda में विलय।
- 2018: IDFC Bank और Capital First के विलय से बना IDFC First Bank।
- 2017: SBI का अपने 5 सहयोगी बैंकों और Bharatiya Mahila Bank के साथ मर्जर।
- 2015: Kotak Mahindra Bank और ING Vysya Bank का विलय।
- 2001: ICICI Bank और Bank of Madura का मर्जर।
- 2000: Times Bank का HDFC Bank के साथ विलय — भारत का पहला स्वैच्छिक बैंक मर्जर।
बैंक मर्जर के लाभ
बैंक मर्जर न केवल बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करते हैं, बल्कि उनके संचालन में भी सुधार लाते हैं। बड़े बैंक अधिक पूंजी, बेहतर तकनीक और व्यापक ग्राहक नेटवर्क के साथ कार्य कर सकते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- संचालन दक्षता में वृद्धि: प्रबंधन, तकनीक और संसाधनों का बेहतर समन्वय।
- ऋण क्षमता में सुधार: बड़े पूंजी आधार से उद्योगों और MSMEs को अधिक ऋण।
- जोखिम प्रबंधन में मजबूती: विविध पोर्टफोलियो से एनपीए पर नियंत्रण।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय बैंकों की स्थिति में सुधार।
- नियामक पालन में सुगमता: बड़े बैंकों के लिए नियामक दिशानिर्देशों का पालन आसान।
बैंक मर्जर की चुनौतियाँ
हालाँकि बैंक मर्जर के कई फायदे हैं, लेकिन इन्हें लागू करना आसान नहीं होता। विभिन्न बैंकों की कार्यसंस्कृति, तकनीकी प्रणाली और कर्मचारियों को एकजुट करना एक जटिल प्रक्रिया है। यदि इसे सावधानीपूर्वक नहीं किया गया तो संचालन और ग्राहक सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- संस्कृति एकीकरण: अलग-अलग बैंकों की कार्यसंस्कृति को समायोजित करना समयसाध्य है।
- तकनीकी समन्वय: विभिन्न कोर बैंकिंग प्रणालियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाना चुनौतीपूर्ण है।
- कर्मचारी पुनर्संरचना: स्थानांतरण और भूमिकाओं में बदलाव से कर्मचारियों में असंतोष की संभावना।
- ग्राहक सेवा: संक्रमण काल में ग्राहकों को अस्थायी असुविधा हो सकती है।
- संचालन जोखिम: मर्जर प्रक्रिया के दौरान तकनीकी या प्रशासनिक त्रुटियों की संभावना रहती है।
निष्कर्ष
भारत में बैंक मर्जर, अधिग्रहण और पुनर्गठन सिर्फ एक आर्थिक कदम नहीं, बल्कि वित्तीय सुधारों की एक रणनीतिक दिशा है। इससे न केवल बैंकों की ताकत बढ़ेगी बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। इन मर्जर्स के बाद भारत का बैंकिंग ढाँचा अधिक सशक्त, स्थिर और डिजिटल रूप से उन्नत बनेगा — जो आने वाले वर्षों में देश के वित्तीय विकास की रीढ़ साबित होगा।
FAQs
Q1: बैंक मर्जर (Bank Merger) क्या होता है?
A1: बैंक मर्जर वह प्रक्रिया है जिसमें दो या अधिक बैंक एक साथ मिलकर एक बड़ा और मजबूत बैंक बनाते हैं, ताकि वित्तीय स्थिरता, संचालन क्षमता और ग्राहक सेवाओं में सुधार किया जा सके।
Q2: भारत में बैंक मर्जर का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A2: बैंक मर्जर का उद्देश्य कमजोर बैंकों को मजबूत बनाना, पूंजी का बेहतर उपयोग करना, एनपीए को घटाना, और बैंकिंग सेवाओं को अधिक कुशल बनाना है।
Q3: 2025 में किन बैंकों का मर्जर प्रस्तावित है?
A3: 2025 की योजना के तहत इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का विलय बड़े बैंकों जैसे SBI, PNB और BoB के साथ किया जा सकता है।
Q4: बैंक मर्जर से ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
A4: ग्राहकों की जमा राशि सुरक्षित रहेगी, लेकिन मर्जर के बाद नए चेकबुक, डेबिट कार्ड और IFSC कोड जारी किए जा सकते हैं।
Q5: बैंक मर्जर के प्रमुख लाभ क्या हैं?
A5: बैंक मर्जर से ऋण क्षमता में वृद्धि, जोखिम प्रबंधन में सुधार, वैश्विक प्रतिस्पर्धा, संचालन दक्षता और वित्तीय स्थिरता जैसे लाभ मिलते हैं।
मैं तृप्ति , Oliveboard में सीनियर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूँ। यहाँ मैं ब्लॉग कंटेंट रणनीति और निर्माण के साथ-साथ Telegram और WhatsApp जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर कम्युनिटी एंगेजमेंट की ज़िम्मेदारी संभालती हूँ। बैंकिंग परीक्षाओं से जुड़े कंटेंट और SEO ऑप्टिमाइज़ेशन में तीन से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, मैंने SSC, बैंकिंग, रेलवे और राज्य स्तरीय परीक्षाओं जैसे लोकप्रिय एग्ज़ाम्स के लिए कंटेंट विकास का नेतृत्व किया है।







