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Sagar Ka Paryayvachi Shabd | सागर का पर्यायवाची शब्द

हिंदी भाषा में “सागर” शब्द का प्रयोग एक विशाल जलराशि के लिए किया जाता है, जो पृथ्वी की सतह का बड़ा हिस्सा घेरती है। “सागर” को सामान्य बोलचाल में “समुद्र” या “महासागर” भी कहा जाता है। यह केवल जल का भंडार नहीं, बल्कि गहराई, विशालता, रहस्य और जीवन का प्रतीक है।
सागर से हमें नदियाँ, वर्षा, और जीवन के लिए आवश्यक जल मिलता है। इसलिए इसे “जीवन का आधार” भी कहा जाता है।

सागर का अर्थ

“सागर” शब्द संस्कृत भाषा से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ होता है — जल का अथाह भंडार या समुद्र
यह शब्द भौगोलिक, धार्मिक और साहित्यिक — तीनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण है।

उदाहरण:

  • सागर की लहरें शांति और उथल-पुथल दोनों का प्रतीक हैं।
  • सूर्यास्त के समय सागर का दृश्य अत्यंत मनमोहक लगता है।
  • सागर की गहराई मानव मन की गहराई से तुलना की जाती है।


सागर के पर्यायवाची शब्द

सागर के पर्यायवाची शब्द इस प्रकार हैं:

पर्यायवाची शब्दEnglish Transliterationअर्थ / व्याख्या
अर्णवArnavविशाल जलराशि, अथाह समुद्र
अकूपादAkoopaadजिसकी गहराई न मापी जा सके
अब्धिAbdhiजल का अथाह भंडार
नदीशNadeeshनदियों का स्वामी — सागर
नीरधिNeeradhiजल का भंडार या समुद्र
नीरनिधिNeeranidhiजल का खजाना या जल से भरा स्थान
पयोधिPayodhiजल से भरा विशाल क्षेत्र
पयोनिधिPayonidhiजल का अथाह भंडार
पारावारPaaraavaarजिसका पार पाना असंभव हो
वारिधिVaaridhiजल का अथाह भंडार, समुद्र
वारीशVaareeshसागर या जल का स्वामी
समुद्रSamudraसागर का समानार्थी शब्द
सिन्धुSindhuविशाल जलराशि, नदी या समुद्र
जलधामJaladhaamजल का निवास स्थान
जलधिJaladhiजल का अथाह स्रोत
उदधिUdadhiअथाह सागर या समुद्र
तोयनिधिToyanidhiजल का भंडार
रत्नाकरRatnaakarरत्नों से भरा सागर

साहित्य में ‘सागर’ शब्द का प्रयोग

साहित्य में “सागर” शब्द का प्रयोग अक्सर गहराई, गंभीरता और अनंतता के प्रतीक के रूप में किया जाता है। कवि और लेखक सागर की लहरों, उसकी गर्जना और रहस्य को मानवीय भावनाओं से जोड़ते हैं।

उदाहरण:

  • “रत्नाकर” का अर्थ सागर है — जहाँ अनगिनत रत्न पाए जाते हैं।
  • कवियों ने “अर्णव” का प्रयोग वीरता और विशालता के प्रतीक के रूप में किया है।
  • “सिन्धु” शब्द भारत के प्राचीन नाम “सिंधु” से भी जुड़ा है, जिससे “हिंदु” और “इंडिया” शब्द बने।


सागर के पर्यायवाची शब्दों के भी पर्यायवाची

हिंदी भाषा की समृद्धता इस बात में है कि एक ही शब्द के पर्यायवाची शब्दों के भी अपने पर्यायवाची होते हैं। आइए देखें — सागर से जुड़े प्रमुख शब्दों के भी समानार्थी शब्द क्या हैं।

1. अर्णव के पर्यायवाची शब्द (Arnav Ke Paryayvachi Shabd)

शब्दअर्थ / व्याख्या
उदधिअथाह सागर
अब्धिजल का अथाह भंडार
जलधिजल का स्रोत
पयोधिजल से भरा विशाल क्षेत्र
रत्नाकररत्नों से भरा सागर

2. सिन्धु के पर्यायवाची शब्द (Sindhu Ke Paryayvachi Shabd)

शब्दअर्थ / व्याख्या
नदीजल प्रवाह का स्रोत
तरंगिणीलहरों वाली नदी या सागर
उदधिअथाह समुद्र
अब्धिजल का गहरा भंडार
वारिधिजल का अथाह सागर

3. रत्नाकर के पर्यायवाची शब्द (Ratnakar Ke Paryayvachi Shabd)

शब्दअर्थ / व्याख्या
सागरविशाल जलराशि
समुद्ररत्नों और खनिजों से भरा जल निकाय
अब्धिअथाह सागर
पयोनिजल का निवास स्थान
अर्णवविशाल समुद्र

4. जलधि के पर्यायवाची शब्द (Jaladhi Ke Paryayvachi Shabd)

शब्दअर्थ / व्याख्या
वारिधिजल का अथाह भंडार
उदधिअथाह समुद्र
नीरनिधिजल का खजाना
पयोधिजल से युक्त विशाल क्षेत्र
रत्नाकररत्नों वाला सागर

5. वारिधि के पर्यायवाची शब्द (Vaaridhi Ke Paryayvachi Shabd)

शब्दअर्थ / व्याख्या
उदधिअथाह जलराशि
अब्धिसमुद्र
जलनिधिजल का भंडार
अर्णवअथाह सागर
सिन्धुजल का विशाल स्रोत

सागर और उसके पर्यायवाची शब्दों का महत्व

“सागर” केवल एक भौगोलिक तत्व नहीं, बल्कि यह असीमता, सहनशीलता और शांति का प्रतीक है। इसके पर्यायवाची शब्द जैसे “अर्णव”, “सिन्धु” और “रत्नाकर” हिंदी साहित्य की गहराई और भाषा की विविधता को दर्शाते हैं। ये सभी शब्द हमारी प्रकृति, भावनाओं और संस्कृति से गहराई से जुड़े हुए हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: “सागर” का प्रमुख पर्यायवाची शब्द कौन-सा है?

उत्तर: “समुद्र”, “सिन्धु” और “अर्णव” इसके प्रमुख पर्यायवाची शब्द हैं।

प्रश्न 2: “अर्णव” का अर्थ क्या है?

उत्तर: “अर्णव” का अर्थ है, विशाल और अथाह सागर।

प्रश्न 3: “रत्नाकर” शब्द किसके लिए प्रयुक्त होता है?

उत्तर: “रत्नाकर” शब्द सागर के लिए प्रयुक्त होता है, क्योंकि सागर में अनेक रत्न पाए जाते हैं।

प्रश्न 4: “वारिधि” और “उदधि” में क्या अंतर है?

उत्तर: दोनों का अर्थ सागर ही है, पर “वारिधि” जल का भंडार है जबकि “उदधि” अथाह गहराई का संकेत देता है।

प्रश्न 5: “सिन्धु” शब्द का क्या विशेष महत्व है?

उत्तर: “सिन्धु” शब्द से ही “हिंदु” और “भारत” के नाम “इंडिया” की उत्पत्ति मानी जाती है।


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