विशेषण की परिभाषा | visheshan ki paribhasha
विशेषण की परिभाषा: विशेषण एक ऐसा शब्द है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम को विशेषता से सिर्जित करने के लिए प्रयुक्त होता है। यह संज्ञा या सर्वनाम की विशेष गुण, विशेष प्रकार, या स्थिति को बताता है। विशेषण वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के साथ मिलकर उनकी विशेषता को सुझाएँगा।
विशेषण के भेद | Visheshan Ki Bhed
- विशेषण की स्वाभाविक विशेषता (Adjective of Quality): इसमें किसी संज्ञा या सर्वनाम की गुण, गुणकारी या प्रकृति का विवरण होता है, जैसे “सुंदर,” “लाल,” “बड़ा”।
- संख्यात्मक विशेषण (Numeral Adjective): इसमें किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या की सूचना होती है, जैसे “एक,” “दो,” “तीन”।
- सर्वनामी विशेषण (Demonstrative Adjective): इसमें किसी संज्ञा या सर्वनाम को दिशा, स्थान, या समय की सूचना होती है, जैसे “यह,” “वह,” “इस,” “उस”।
- संबंधबोधक विशेषण (Relative Adjective): इसमें किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ संबंध बताने के लिए प्रयुक्त होता है, जैसे “जो,” “जिसका,” “जिसमें”।
- प्रश्नबोधक विशेषण (Interrogative Adjective): इसमें किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ सवाल करने के लिए प्रयुक्त होता है, जैसे “कौन,” “कैसा,” “कितना”।
विशेषण के उदाहरण
- राम एक आकर्षक फूल लाए। (Adjective of Quality – Attractive)
- उसने तीन पुस्तकें खरीदीं। (Numeral Adjective – Three)
- इस किताब में बहुत सारी कहानियाँ हैं। (Demonstrative Adjective – This)
- वह लड़का है जो हमारे साथ खेलता है। (Relative Adjective – Who)
- कौनसी किताब आप पढ़ रहे हैं? (Interrogative Adjective – Which)
विशेषण और विशेष्य में अंतर
विशेषण (Adjective):
- परिभाषा: विशेषण एक ऐसा शब्द है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम को विशेषता से सिर्जित करने के लिए प्रयुक्त होता है। इसका उद्देश्य किसी वस्तु या व्यक्ति की गुण, गुणकारी, प्रकार, स्थिति, या संबंध को बताना होता है।
विशेष्य (Noun):
- परिभाषा: विशेष्य वह शब्द है जिसे विशेषण द्वारा सिर्जित किया जाता है और जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना, या विचार को प्रतिष्ठानित करने के लिए प्रयुक्त होता है। इसमें नाम, यानी कि किसी का नाम, होता है जिसे विशेषण विशेषित करता है।
अंतर (Difference):
- मुख्य अंतर: विशेषण विशेष्य की विशेषता को बताने के लिए प्रयुक्त होता है, जबकि विशेष्य वह शब्द है जिसे विशेषण द्वारा सिर्जित किया जाता है और जो एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना, या विचार को प्रतिष्ठानित करता है।
- अभिवादन अंतर: विशेषण भगवान तक पहुंचने के लिए प्रयुक्त हो सकता है, जबकि विशेष्य आत्मीय नाम को संज्ञान में लेता है।
- परिमार्जित अंतर: विशेषण विशेष्य की विशेषता को बताता है जबकि विशेष्य उस व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना, या विचार को प्रतिष्ठानित करता है।
मेरा नाम प्रीति है और मैं सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रही हूँ। मुझे हिंदी में ब्लॉग लिखना पसंद है। परीक्षा की तैयारी मेरे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और मैं लगातार मेहनत कर रही हूँ ताकि मैं अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकूं। साथ ही, मैं एक शोध-आधारित लेख लिखती हूँ, जिससे परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों को मदद मिल सके।