रूपक अलंकार की परिभाषा | rupak alankar ki paribhasha
रूपक अलंकार, एक प्रकार का अलंकार है जो किसी वस्तु के बीच रूपक (संकेत) का उपयोग करके भावना या आत्मा को प्रकट करने के लिए किया जाता है। इसे कविता और साहित्य में सौंदर्य और भावनाओं को प्रकट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
रूपक अलंकार की प्रमुख विशेषताएँ
- रूपक का उपयोग: रूपक अलंकार में किसी वस्तु का सीधा उल्लेख नहीं होता, बल्कि उससे संबंधित किसी अन्य वस्तु का संकेत होता है। इससे शब्दों का उपयोग विचारशीलता और सौंदर्य से भरा होता है।
- भावना का प्रकटीकरण: रूपक अलंकार के माध्यम से कवि या लेखक भावना या आत्मा को साकार रूप में प्रकट करने का प्रयास करता है। इससे पाठक या श्रवक को अधिक संवेदनशील बनाने का उद्दीपन होता है।
- तुलनात्मक संबंध: रूपक अलंकार में विभिन्न वस्तुओं के बीच तुलनात्मक संबंध होता है, जिससे सुंदर और प्रभावशाली छवियों का निर्माण होता है।
- भाषा का सौंदर्य: इस अलंकार का प्रयोग करने से भाषा में सौंदर्य बढ़ता है और शब्दों का सही समय पर सही तात्पर्य प्रकट होता है।
- रस का साधना: रूपक अलंकार के माध्यम से भाषा में रस की साधना की जाती है, जिससे पाठक का मनोभावनुसार प्रभाव होता है।
इस प्रकार, रूपक अलंकार भाषा को सांविदानिक और सुंदर बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण तकनीक है।
- उपमेय-समान अलंकार (Upameya-Samaan Alankar):
- तुम्हारी मुस्कान मेघों की छाया, जो हमारे मन को शान्ति प्रदान करती है। (यहां “तुम्हारी मुस्कान” का उपयोग मेघों के समानता के रूप में हुआ है, जिससे भावना को सुंदरता के साथ व्यक्त किया गया है।)
- रुपक अलंकार (Rupak Alankar):
- चंदन विषय अमृत रस से बद्ध है, और तुम्हारी मुस्कान विषय मेरे हृदय को भला कैसे नहीं बाँध सकती? (यहां “चंदन” का उपयोग प्रेम के रूपक के रूप में किया गया है, जिससे भावना को सुंदरता के साथ व्यक्त किया गया है।)
- यादृश्य-समान अलंकार (Yadrisya-Samaan Alankar):
- चंदन की तुम्हारी मुस्कान, जैसे कि फूलों का आभास, हमें हमेशा रंगीन दिन देती है। (यहां “चंदन की तुम्हारी मुस्कान” का उपयोग फूलों के समानता के रूप में हुआ है, जिससे भावना को सुंदरता के साथ व्यक्त किया गया है।)
रूपक अलंकार के 10 उदाहरण
| Example Number | Example | Rupak Alankar? | Word Representing Rupak Alankar |
|---|---|---|---|
| 1 | चंदन विषय अमृत रस से बद्ध है, और तुम्हारी मुस्कान विषय मेरे हृदय को भला कैसे नहीं बाँध सकती? | Yes | चंदन (Chandan) |
| 2 | सर्दी की रातों में तुम्हारी आँखों की चमक, जैसे कि सितारों की छाया, सभी को मोहित कर देती है। | Yes | चमक (Chamak) |
| 3 | उसकी मुस्कान का सौंदर्य, जैसे कि मिथास से भरा हुआ फल, हमें हमेशा प्रभावित करता है। | Yes | सौंदर्य (Sundarta) |
| 4 | वह बच्चे की हँसी, जैसे कि बगीचे में खिलते हुए फूल, हर किसी का दिल बहला देती है। | Yes | हँसी (Hansi) |
| 5 | उसकी आँखों की गहराई, जैसे कि समुद्र की अनगिनत गहराई, सभी को खींच लेती है। | Yes | गहराई (Gehrai) |
| 6 | सूरज की किरणों का खेल, जैसे कि नृत्यरूप, प्रकृति को एक सुंदर संगीत से सजाता है। | Yes | खेल (Khel) |
| 7 | उसकी बातों में सत्य, जैसे कि गंगा का शुद्ध पानी, सभी को प्रेरित करता है। | Yes | सत्य (Satya) |
| 8 | उसके विचार, जैसे कि उच्च पहाड़ों की ऊँचाई, हर किसी को समझाते हैं और प्रेरित करते हैं। | Yes | ऊँचाई (Unchai) |
| 9 | उसकी मुस्कान में छुपा सुख, जैसे कि सर्दी की सुबह की ताजगी, हर किसी को खुश कर देता है। | Yes | सुख (Sukh) |
| 10 | उसके गाने की मधुरता, जैसे कि कोकिला के मधुर स्वर, सभी को मोहित कर देती है। | Yes | मधुरता (Madhurata) |

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