रेलवे की सैलरी किसमें सबसे ज़्यादा होती है, चेक कीजिए
रेलवे की सैलरी: भारतीय रेलवे देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जहां लाखों कर्मचारी अलग-अलग विभागों और पदों पर कार्यरत हैं। लेकिन अक्सर उम्मीदवारों के मन में यह सवाल आता है कि रेलवे की सैलरी में सबसे ज्यादा कौन कमाता है? इस लेख में हम रेलवे के उच्चतम पदों, उनकी सैलरी संरचना, और उनसे जुड़े लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
रेलवे में सैलरी तय कैसे होती है
रेलवे में वेतन संरचना 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के अनुसार तय की जाती है। हर पद के लिए एक निश्चित वेतन मैट्रिक्स और ग्रेड पे निर्धारित है। जैसे-जैसे कर्मचारी का अनुभव और पदोन्नति बढ़ती है, उसकी सैलरी और भत्ते भी बढ़ते जाते हैं।
रेलवे की सैलरी में मुख्य घटक
रेलवे कर्मचारियों की कुल सैलरी कई हिस्सों से मिलकर बनती है, जिनमें शामिल हैं –
- बेसिक पे (मूल वेतन)
- ग्रेड पे
- डीए (महंगाई भत्ता)
- एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस)
- टीए (ट्रैवल अलाउंस)
- अन्य भत्ते जैसे नाइट ड्यूटी, मेडिकल, और ओवरटाइम
इन सब घटकों को जोड़ने के बाद जो कुल राशि बनती है, उसे ग्रॉस सैलरी कहा जाता है।
रेलवे में सबसे अधिक सैलरी किसकी होती है
भारतीय रेलवे में सबसे अधिक सैलरी पाने वाले अधिकारी चेयरमैन एवं सीईओ, रेलवे बोर्ड (CRB) होते हैं। यह पद भारतीय रेल सेवा (IRMS) के शीर्ष स्तर पर आता है। इस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पूरे भारतीय रेलवे सिस्टम की नीति और संचालन से जुड़ा होता है।
चेयरमैन रेलवे बोर्ड की सैलरी
चेयरमैन रेलवे बोर्ड की सैलरी लगभग 2.25 लाख रुपये प्रति माह (बेसिक पे) होती है। इसके अलावा उन्हें कई भत्ते, सरकारी बंगला, वाहन सुविधा, घरेलू सहायक, और अन्य सुविधाएँ दी जाती हैं। कुल मिलाकर उनकी सैलरी और सुविधाएँ मिलाकर लगभग 3 लाख रुपये प्रति माह तक पहुँच सकती हैं।
रेलवे के अन्य उच्च वेतन वाले पद
चेयरमैन के बाद कुछ अन्य पद भी हैं जिनकी सैलरी बहुत ऊँची होती है। जैसे –
| पद का नाम | अनुमानित वेतन (प्रति माह) | विवरण |
| जनरल मैनेजर (GM) | ₹2,10,000 – ₹2,25,000 | जोनल रेलवे के प्रमुख |
| अतिरिक्त सदस्य (Addl. Member, Railway Board) | ₹2,05,000 – ₹2,20,000 | रेलवे बोर्ड के सीनियर सदस्य |
| डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) | ₹1,80,000 – ₹2,00,000 | डिविजन स्तर पर प्रशासनिक नियंत्रण |
| सीनियर इंजीनियर (IRSE, IRSME, IRTS आदि) | ₹1,00,000 – ₹1,60,000 | इंजीनियरिंग और संचालन विभाग के अधिकारी |
| स्टेशन डायरेक्टर / चीफ स्टेशन मैनेजर | ₹80,000 – ₹1,20,000 | बड़े स्टेशनों का प्रबंधन और संचालन |
इन पदों पर अनुभव, योग्यता और जिम्मेदारी के अनुसार वेतन बढ़ता रहता है।
ग्रुप A सेवाओं की सैलरी
रेलवे में ग्रुप A अधिकारी भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (IRMS) के अंतर्गत आते हैं। इनमें IRSE (सिविल इंजीनियरिंग), IRSME (मैकेनिकल), IRSEE (इलेक्ट्रिकल), IRAS (अकाउंट्स), और IRTS (ट्रैफिक सर्विस) जैसी सेवाएँ शामिल हैं।
इनकी शुरुआती बेसिक सैलरी लगभग ₹56,100 प्रति माह से शुरू होती है, जो प्रोमोशन के साथ ₹2,25,000 प्रति माह तक पहुंच सकती है।
ग्रुप B और C कर्मचारियों की सैलरी
ग्रुप B अधिकारी जैसे असिस्टेंट इंजीनियर, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, स्टेशन सुपरवाइजर आदि की सैलरी ₹45,000 से ₹80,000 प्रतिमाह तक होती है।
वहीं ग्रुप C में आने वाले क्लर्क, तकनीशियन, गार्ड, टीटीई आदि की सैलरी ₹25,000 से ₹60,000 के बीच होती है, जो पद और सेवा वर्षों पर निर्भर करती है।
लोको पायलट की सैलरी
भारतीय रेलवे में लोको पायलट यानी ट्रेन चलाने वाले कर्मचारियों की सैलरी भी बहुत आकर्षक होती है। एक सीनियर लोको पायलट की औसत मासिक सैलरी ₹70,000 से ₹1,00,000 तक होती है, जिसमें नाइट ड्यूटी और ओवरटाइम भत्ते भी शामिल हैं।
रेलवे में सैलरी बढ़ाने के अवसर
रेलवे में पदोन्नति और अनुभव के साथ सैलरी बढ़ने के कई अवसर मिलते हैं। जैसे:
- नियमित प्रमोशन के आधार पर ग्रेड पे में वृद्धि
- 7वें वेतन आयोग के अनुसार वार्षिक वेतनवृद्धि
- पदोन्नति परीक्षा (LDCE) या विभागीय परीक्षा से उच्च पद प्राप्त करना
- लंबी सेवा पर वरिष्ठता लाभ
रेलवे की सैलरी और निजी क्षेत्र की तुलना
निजी क्षेत्र की तुलना में रेलवे कर्मचारियों की सैलरी स्थिर और सुरक्षित होती है।
इसके साथ सरकारी सुविधाएँ जैसे पेंशन, मेडिकल, हाउसिंग, और फ्री रेल पास इसे और अधिक आकर्षक बनाती हैं।
इस वजह से रेलवे की नौकरी को भारत में एक प्रतिष्ठित और स्थायी करियर विकल्प माना जाता है।
मुख्य बिंदु
उम्मीदवारों के लिए लेख के महत्वपूर्ण बिंदु नीचे संक्षेप में दिए गए हैं:
- रेलवे की सैलरी 7वें वेतन आयोग के अनुसार तय होती है।
- सबसे अधिक सैलरी चेयरमैन रेलवे बोर्ड (CRB) को मिलती है, जो लगभग ₹2.25 लाख प्रति माह होती है।
- अन्य उच्च वेतन वाले पदों में जनरल मैनेजर, DRM और सीनियर इंजीनियर शामिल हैं।
- ग्रुप A अधिकारियों की सैलरी ₹56,100 से ₹2,25,000 प्रतिमाह तक जाती है।
- लोको पायलट, टीटीई और स्टेशन मास्टर जैसे पदों पर भी अच्छी सैलरी और भत्ते मिलते हैं।
संक्षेप में कहा जाए तो रेलवे की सैलरी पद, अनुभव और ग्रेड पे पर निर्भर करती है। जहां चेयरमैन रेलवे बोर्ड सबसे अधिक वेतन पाने वाले अधिकारी हैं, वहीं अन्य वरिष्ठ पदों पर भी शानदार आय और सुविधाएँ मिलती हैं। भारतीय रेलवे केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक स्थायी और सम्मानजनक करियर प्रदान करता है – जिसमें सैलरी के साथ स्थिरता, सुरक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा भी शामिल है।
FAQs
Q.1 रेलवे में सबसे अधिक सैलरी किसे मिलती है?
चेयरमैन रेलवे बोर्ड (CRB) को रेलवे में सबसे अधिक सैलरी मिलती है।
Q.2 चेयरमैन रेलवे बोर्ड की सैलरी कितनी होती है?
इनकी बेसिक सैलरी लगभग ₹2.25 लाख प्रति माह होती है, भत्तों के साथ कुल ₹3 लाख तक
Q.3 रेलवे में ग्रुप A अधिकारियों की सैलरी कितनी होती है?
ग्रुप A अधिकारियों की सैलरी ₹56,100 से ₹2,25,000 प्रति माह तक होती है
Q.4 लोको पायलट की सैलरी कितनी होती है?
सीनियर लोको पायलट की सैलरी ₹70,000 से ₹1,00,000 प्रति माह तक होती है
Q.5 क्या रेलवे कर्मचारियों को पेंशन और अन्य सुविधाएँ मिलती हैं?
हाँ, रेलवे कर्मचारियों को पेंशन, मेडिकल, हाउस रेंट और यात्रा भत्ते जैसी सुविधाएँ मिलती हैं।
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