दुनिया के सबसे अनुशासित और सुदृढ़ बैंकिंग प्रणालियों में से एक भारत की भी है। बैंकिंग, समृद्धिशील भारतीय अर्थव्यवस्था का एक तेजी से उभरता उद्योग है। बैंकिंग क्षेत्र (सेक्टर) त्वरित प्रगति और विकास के कारण अनेकों कैरियर के अवसरों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
इसके साथ ही, भारत सरकार की कैशलेस अर्थव्यवस्था और 100% वित्तीय समावेशन (फाइनेंसियल इंक्लयूसन) के लक्ष्य के कारण जनशक्ति की आवश्यकता में बढ़ोतरी होना अपेक्षित है |
बैंकिंग क्षेत्र की भावी संभावनाएं
वर्तमान समय में भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 7 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है। इनमें से अगले ही कुछ वर्षों में बहुत भारी संख्या में लोग सेवानिवृत्त/रिटायर हो रहे हैं| इस अंतर को कम करने और बढ़ते व्यापार को संभालने के लिए बैंकों में भर्ती की एक होड़ लगी हुई है। ध्यान रहे कि निजी क्षेत्र की जनशक्ति आवश्यकताओं (मैनपावर रेक्वायरमेंट) को यहाँ शामिल नहीं किया गया है। इसीलिए इस क्षेत्र में अपार अवसर है।
इसके अलावा , तकनीक के विस्तार के कारण ,उस से प्रभावित नए निजी बैंक और भुगतान बैंक ने अपनी बैंकिंग सेवाओं का विस्तार किया है | म्युचुअल फंड, प्रतिभूतिकरण (सेक्युरिटाईजेशन), बिजनेस क्रेडिट कार्ड, कंज्यूमर लोन , हाउसिंग लोन, व्यापार के लिए सोना और आवास ऋण तथा विदेशी मुद्रा की गतिविधियों में बैंक सक्रिय है।
बैंकिंग क्षेत्र में स्कोप / व्यापकता
बैंकिंग क्षेत्र में अनेकों पद हैं। इनमें से सबसे सर्वोच्च नौकरियाँ क्लर्क, एमटी (प्रबंधन प्रशिक्षु) और पीओ (प्रोबेशनरी अधिकारी) की हैं। इस क्षेत्र में अन्य व्यवसाय के भी अवसर है ,जैसेकि बैंक टेलर्स, वित्तीय सेवा प्रतिनिधि(फायनेंशियल सर्विस रिप्रेजेंटेटिव), वित्तीय प्रबंधक (फायनेंशियल मैनेजर), बिल और खाते कलेक्टर (बिल एंड अकाउंट कलेक्टर), ऋण अधिकारी (लोन ऑफिसर), लेखा परीक्षा क्लर्क (ओडिट क्लर्क) और बुक कीपिंग हैं।
हालांकि ऐसा प्रतीत हो सकता है कि ये नौकरियाँ वाणिज्य/ अर्थशास्त्र के छात्रों के लिए होती हैं, लेकिन तथ्य यह हैं कि अधिकतर बैंक अधिकारी विभिन्न वर्गों/स्ट्रीम से हैं।
क्या बैकिंग मेरे कैरियर के लिए सही विकल्प है?
एक बैंकर के रूप में नौकरी के लिए आवश्यक है कि आपको संख्याओं पर अच्छी पकड़ और ग्राहक के प्रति अच्छा रवैया हो| (एक बैंकर हमेशा संख्याओं पर काम करता है जैसे – डिपोजिट, लोन/ऋण, क्रेडिट इन्वेस्टमेंट आदि| और उन्हें अनेकों लोगों से रोज़ मिलना होता है। इसीलिए, यदि कोई उम्मीदवार इन दोनों पहलुओं में अच्छा है तो वह बैंक को कैरियर के बेहतर विकल्प के रूप में देख सकता है |
साथ ही, यदि आप निम्नलिखित गुणों से युक्त हैं:
- अच्छा संचार कौशल
- अच्छा विश्लेषणात्मक कौशल
- पारस्परिक कौशल
- उच्च दबाव के वातावरण में लचीलापन/सहजता
तब निश्चित रूप से आपके लिए बैंक में कैरियर एक सही विकल्प है |
एक बैंकर कैसे बनें
यहाँ कुछ जानी-मानी बैंकिंग प्रवेश परीक्षायें हैं। इनमे चुने जाने पर, संबंधित बैंक अथवा वित्तीय संस्था में पद प्राप्त किया जाता है। आपको पता होना चाहिए कि इन परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा उच्च स्तर होती है।
- आईबीपीएस प्रोबेशनरी ऑफिसर की सामान्य लिखित परीक्षा (आईबीपीएस पीओ)
- भारतीय स्टेट बैंक प्रोबेशनरी अधिकारी (एसबीआई पीओ)
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए आईबीपीएस लिपिक भर्ती के लिए सामान्य लिखित परीक्षा
- भारतीय स्टेट बैंक लिपिक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए सामान्य लिखित परीक्षा
- विशेष अधिकारी के लिए सामान्य लिखित परीक्षा
- आईडीबीआई बैंक की कार्यकारी परीक्षा
- भारतीय रिजर्व बैंक परीक्षा
- भारतीय रिजर्व बैंक में सहायक पद के लिए परीक्षा
- नाबार्ड AM परीक्षा
- अन्य
किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पर्याप्त है। चयन प्रक्रिया में लिखित योग्यता परीक्षा / रिटन एप्टीट्यूड टेस्ट (मात्रात्मक योग्यता, तर्कशक्ति, अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान और कम्प्यूटर ज्ञान) और साक्षात्कार (केवल अधिकारी पदों के लिए) शामिल हैं।
व्यवसाय/कैरियर विकास
प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्रीय बैंक में व्यवसाय के प्रगति पथ को दो कारकों अर्थात् प्रदर्शन और कार्यक्षमता के माध्यम द्वारा अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है| इसी कारण बहुत ही कम समय में मेहनती और जानकार/ज्ञानी कर्मचारी उच्च पद प्राप्त कर लेते हैं |
कई बैंकों में, एक व्यक्ति जो शुरूआत में प्रोबेशनरी अधिकारी के पद पर पदभार सम्भालता है वह तकरीबन 14 वर्षों में महाप्रबंधक के पद पर पहुँचने का आकांक्षी हो सकता है। उसके पश्चात्, वह बैंक के एक्सेक्युटिव डाईरेक्टर/कार्यकारी निदेशक या चेयरमैन/अध्यक्ष बन सकता है |
कई बैंकों की विदेशों में भी शाखायें हैं। इसीलिए, विदेशों में काम करने का अवसर भी मिल सकता है। एक बैंक की नौकरी में स्थानान्तरण के माध्यम से आपको देश के अलग-अलग हिस्सों को देखने का मौका मिलता है।
एक बैंकर के रूप में आप एक अच्छी जीवन शैली सुनिश्चित कर सकते हैं।
अधिकारियों के कैरियर में प्रगति
जूनियर प्रबंधन ग्रेड – स्केल I: अधिकारी
मध्य प्रबंधन ग्रेड – स्केल II: प्रबंधक
मध्य प्रबंधन ग्रेड – स्केल III: वरिष्ठ प्रबंधक
वरिष्ठ प्रबंधन ग्रेड – स्केल IV: मुख्य प्रबंधक
वरिष्ठ प्रबंधन ग्रेड स्केल V : सहायक महाप्रबंधक
शीर्ष प्रबंधन ग्रेड स्केल VI : उप महाप्रबंधक
शीर्ष प्रबंधन ग्रेड स्केल VII : महाप्रबंधक
सफलता की कुछ कहानियां
- अरुण तिवारी: रसायन विज्ञान में बीएससी। बैंक ऑफ बड़ौदा में, पो ओ के पद पर ’79 में शामिल हुए। वर्तमान में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सीएमडी के रूप में कार्यरत हैं।
- के आर कामत: मैसूर से B.Com किया, प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में,कॉर्पोरेशन बैंक में ’77 शामिल हुए | आज वह पंजाब नेशनल बैंक के सीएमडी हैं।
- अरुंधति भट्टाचार्य: साहित्य में बीए किया, 77 में वापस पो ओ के रूप में, भारतीय स्टेट बैंक में शामिल हुईं | आज वह भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष हैं।
अन्य भत्तों के साथ बैंक अच्छे वित्तीय/फाइनेंशियल पैकेज देती है| आवास एवं चिकित्सा सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। तथा साथ ही नौकरी की सुरक्षा का एक अतिरिक्त लाभ है। एक महान सामाजिक स्थिति का उल्लेख प्रस्तुत नहीं करती है।
एसबीआई के एक PO का विशिष्ट वेतनमान
मूल वेतन |
16,900 रुपये /- (4 वेतन वृद्धि के साथ) |
वेतनमान |
INR 14500-600/7-18700-700/2-20100-800/7-25700 |
अंततः, बैंकिंग एक बेहतर कैरियर विकल्प है और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में बहुसंख्यक विकास की संभावनाएं उपलब्ध हैं |
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